अग्रवाल सभा परिचय

"अग्रवाल सभा, रांची आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है | सुविधा संम्पन्न चार तल्लो का अग्रसेन भवन झारखण्ड राज्य की राजधानी रांची के बीचो- बीच स्थित है | भवन की देख-रेख हेतु सेवाधारी कर्मचारी सदैव मुस्तैद है | साफ़- सफाई के लिए भवन की विशेष व्यवस्था है | व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अध्यक्ष, मंत्री, कार्यकारिणी समिति एवं विभिन्न उपसमितियां निरंतर सक्रिय रूप से जुटे रहते है | भवन के प्रत्येक तल्ला में आठ से दस कमरे सुसज्जित है जिसमें दो कमरे वातानुकूलित हैं |

इसके आलावा प्रत्यके तल्ला में दो छोटे- बड़े हॉल हैं आधुनिकता को देखते हुए भवन के एक बड़े हॉल को संपूर्ण वातानुकूलित किया गया है |इसके आलावा प्रत्यके तल्ला में दो छोटे- बड़े हॉल हैं |आधुनिकता को देखते हुए भवन के एक बड़े हॉल को संपूर्ण वातानुकूलित किया गया है |साथ ही बालकोनी में भी एक छोटा हॉल हैं | आधुनिकता को देखते हुए भवन के एक बड़े हॉल को सम्पूर्णे वातानुकूलित किया गया हैं | साथ ही प्रत्यक तल्ले में बाथरूम एवं सौचालाये का नव - निर्माण किया गया है | प्रत्यके तल्ले में यात्री, शादी- विवह अन्य समाहरोह हेतु बर्तन, रजाई, गद्दा, दरी, टेबल-कुर्सी अन्य सामग्री के व्यवस्था अलग से की गई है |

अग्रवाल सभा प्रत्यके दो वर्ष में कार्येकरिणी का चुनाव करती हैं |जिसमे विभिन पदाधिकारिणी का चुनाव करती हैं | जिसमें विभिन पदाधिकारियों एवं समितियों का चयन कर सभा की गरिमा अनुरूप काय्र सम्पादित होते हैं | रांची शाहर के पूर्वे में लालपुर चौक को महाराजा अग्रसेन चौक का नामकरण दिया गया साथ ही महाराजा श्री की प्रतिमा भी अग्रवाल सभा रांची के सौजन्य से स्थापित के गयी है | बदलते समय में जरुरत है, समाजहित में अपना योगदान देना है | समाज की मजबूती प्रदान करना है ||